
दिल्ली मदर टेरेसा वैश्विक शांति पुरस्कार से सम्मानित हुए महताब खान चांद। ने ऐसे कई राष्ट्रीय सम्मान से नवाजे गए हैं श्री महताब ख़ान चांद राष्ट्रीय कवि व साहित्यकार क़लम कार है जिसके लेखनी से नजीबाबाद। मदर टेरेसा इंटरनेशनल फाउंडेशन की अवार्ड चयन समिति के इंटरनेशनल चैरिटी आफ अरजैटीना फ्लोरेसिया अल्जोगरे इंटरनेशनल अध्यक्ष युसूफजई संस्थापक चेयरमैन मौहम्मद परवेज ने मानवता विश्व शांति कूटनीति मानवाधिकार के लिए उत्कृष्ट योगदान और समर्थन तथा सार्वभौमिक शान्ति स्थापना के लिए उत्कृष्ट योगदान और विश्व भर में सभी समुदायों के बीच शांति प्रेम सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने और स्थापित करने में उल्लेखनीय योगदान करने के लिए शान्ति प्रेम मानवता के लिए वर्ष 2025के लिए विश्व शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है महताब ख़ान चांद के चाहने वालों ने मिलकर बधाई व शुभकामनाएं दिए।
महताब ख़ान ने कहा मदर टेरेसा, जिन्हें बाद में कलकत्ता की संत टेरेसा के रूप में जाना गया, एक रोमन कैथोलिक नन और मिशनरी थीं। उन्होंने दुनिया भर के गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी नामक संस्था की स्थापना की, जो आज भी दुनिया भर में गरीबों की मदद कर रही है. मदर टेरेसा का जीवन परिचय दिया
जन्म:
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कोप्जे, मैसेडोनिया (अब उत्तरी मैसेडोनिया) में एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सिउ के रूप में हुआ था. प्रारंभिक जीवन वे एक धार्मिक परिवार में पली-बढ़ीं, जहाँ उन्हें दूसरों की मदद करने की प्रेरणा मिली. नन बनने का फैसला:
12 साल की उम्र में उन्हें ईश्वर के आह्वान का अनुभव हुआ और उन्होंने मिशनरी बनने का फैसला किया. भारत में सेवा
1929 में वे भारत आई और 1946 में उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की.
मिशनरीज ऑफ चैरिटी
यह संस्था दुनिया भर में गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करती है, जैसे कि बीमार, गरीब, अनाथ और बेघर लोग. पुरस्कार और सम्मान
1979 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
संत घोषित। 2016 में, उन्हें कैथोलिक चर्च द्वारा संत घोषित किया गया. मृत्यु
मदर टेरेसा का निधन 5 सितंबर, 1997 को 87 वर्ष की आयु में कलकत्ता में हुआ.