
बलौदा बाजार—शिवसेना नेता ओमकार वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राज्य सरकार ने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है प्रदेश में 10463 स्कूलों में ताला लग जाएगा। शिवसेना नेता ओमकार वर्मा ने बताया कि स्कूल बंद होने से गरीब बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने में बहुत कठिनाई होगी। उनके पास घर पर शिक्षा प्राप्त करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं होंगे। और वह स्कूल जाने में भी सक्षम नहीं हो सकते। और मजबूरी में निजी स्कूलों में दाखिला कराना पड़ेगा। जिससे गरीब बच्चों के परिवारों को आर्थिक कठिनाइयां भी होगी उन्हें स्कूल की फीस किताबें और अन्य खर्चो का भुगतान करने में परेशानी होगी। स्कूल बंद होने से गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित हो सकते हैं। वह अपने पढ़ाई को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे। और उनके भविष्य की संभावनाएं सीमित हो सकती है। गरीब बच्चों पर सामाजिक और मानसिक प्रभाव पड़ेगा। और उनके सामाजिक कौशल विकसित नहीं हो पाएंगे। शिवसेना नेता ने आगे कहा शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रति 1 किलोमीटर में प्राथमिक विद्यालय खोला गया था। और तीन शिक्षक का सेटअप वित्त विभाग से स्वीकृत है ज्ञात हो यहां विद्यालय गांव, मजरा टोला, छोटी बस्ती, वंचित समाज सहित आदिवासी समाज गरीब लोगों के बच्चों के लिए संचालित था। जिसे एक ही झटके में बंद कर हजारों गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा से बेदखल कर दिया जा रहा है। जो 1 किलोमीटर से अधिक दूरी में जाने में सक्षम नहीं है। और महंगी फीस देकर पढ़ नहीं सकता। प्रदेश की सरकार गरीब बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जबकि शिक्षा का पहला स्तंभ प्राथमिक विद्यालय ही है। शिवसेना नेता ओमकार वर्मा ने कहा समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना, समानता और न्याय को स्थापित करना, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, और लोगों को जागरूक करना महत्वपूर्ण है। शिवसेना प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी से मांग करती है की प्रदेश के हर बच्चें को अच्छी शिक्षा मिले चाहे वहां किसी भी वर्ग या जाति से हो। यहां सुनिश्चित करना चाहिए शिक्षा से लोगों में सोचने की क्षमता, समस्याओं को हल करने की दिशा, और समानता की भावना विकसित होती है। युक्तियुक्तकरण के नाम पर सरकारी स्कूलों को नहीं बल्कि निजी विद्यालयों को बंद किया जाना चाहिए। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी कर शिक्षा गुणवत्ता का

धीमी धीमी प्रभावित करना युक्तियुक्तकरण के नाम पर सरकारी स्कूलों को बंद किया जाना। एवं निजी विद्यालयों को बढ़ावा देना शिक्षा के निजीकरण का संकेत है। सरकारी स्कूल को बंद किया जाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है। स्कूलों को बंद किए जाने पर शिक्षक ही नहीं बल्कि उन स्कूलों में विगत कई वर्षों से कार्यरत हजारों रसोईया सफाई कर्मी एवं स्व सहायता समूह के महिलाओं के समक्ष जीवन यापन का संकट आ जाएगा। यह अत्यंत चिंताजनक है कि स्कूलों के बंद होने से गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। कि किसी भी बच्चे को अपनी शिक्षा जारी रखने से नहीं रोका जाए। स्कूलों के बंद होने के कारण गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाते हैं ।जिससे उनके भविष्य और उनके विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। सरकार को यहां सुनिश्चित करना चाहिए की गरीब बच्चों को भी अपनी शिक्षा जारी रखने का अवसर मिले। शिवसेना सरकार से मांग करती है की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करें। और राष्ट्रहित, समाज हित, और शिक्षा हित में विद्यालयों को बंद ना किया जाए। उसे किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरण ना किया जाए।
