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“मीडिया सम्मान परिवार” का प्रदेश स्तरीय वेबपोर्टल पत्रकार परिचय सम्मेलन बिलासपुर में संपन्न हुआ

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“मीडिया सम्मान परिवार” का प्रदेश स्तरीय वेबपोर्टल पत्रकार परिचय सम्मेलन बिलासपुर में संपन्न हुआ

संवाददाता संतोष कुमार यदु

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश मे ही नही अपितु पुरे देश भर में मिडिया के क्षेत्र में प्रिट मिडिया, ईलेक्ट्रानिक मिडिया के माध्यम से ही लोग समाचार जान पाते थे। पर अब महज बहुत कुछ सालो से वेबपोर्टल, यूट्यूब चैनल, ई पेपर, के माध्यम से हर गांव कस्बा, शहर नगर व देश दुनिया के हर छोटी बड़ी खबरो को प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए। समाचारों को जनता तक पहुंचने का काम वेबपोर्टल, यूट्यूब पत्रकारों के द्वारा निरंतर किया जा रहा है। जिसमे स्वतंत्रता, निष्पक्षता, निर्भीकता, व नि:स्वार्थभाव से समाहित है। लेकिन वीडंबना है कि प्रशासन के द्वारा इन सभी नये पुराने व छोटे बडे वेबसाइट पत्रकारों को वह मान सम्मान नही मील पा रहा जिसके वह हकदार है । अब छत्तीसगढ़ के सभी वेबपोर्टल, यूट्यूब चैनल के संचालक, संपादक, एकजुट होकर समाज व प्रशासन से अपने लिए उचित सम्मान प्राप्त करने के लिए शांति वार्ता व सम्मानपूर्वक बीना किसी विरोध के संगठीत हो चुके हैं। जिसे एक नाम दिया गया ” मिडिया सम्मान परिवार ” जिनका 25 फरवरी, दिन मंगलवार को न्यायधानी बिलासपुर के कोटा रोड स्थीत परसदा (भरनी, सकरी) मे छत्तीसगढ़ स्तरीय पहली बार इस नव-गठीत ” मिडिया सम्मान परिवार ” का प्रथम परिचय सम्मेलन, प्रशिक्षण कार्यशाला एवं सम्मान समारोह का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। जिसमे पुरे छत्तीसगढ़ से वरिष्ठ, कनिष्ठ, वेबपोर्टल, यूट्यूब चैनल के पत्रकारों के आलावा प्रिंट मिडिया, ईलेक्ट्रानिक मिडिया, के भी पत्रकारों की सैकडो की संख्या में उपस्थिति रही।

बता दे कि वेबपोर्टल यूट्यूब चैनल पत्रकारों के नव-गठित संगठन के रूप में “मिडिया सम्मान परिवार” के प्रथम कार्यक्रम के प्रथम सोपान के रूप में मिडिया सम्मान परिवार के सभी सदस्यों का सामुहिक स्वागत किया गया। वही मिडिया सम्मान परिवार के मुख्य उद्देश्यों व कार्यो के बारे बताया गया। मसलन : 1.सभी प्रकार के पत्रकारों को एक मंच मे लाना। 2.सभी का सम्मान करना व कराना। 3.वेबपोर्टल यूट्यूब चैनल के माध्यम से पत्रकारिता कर रहे।4.वेबपोर्टल से जुडे हर नये – पुराने, वरिष्ठ – कनिष्ठ पत्रकारों को प्रशासन के द्वारा एक नजरिये से देखते हुए। उनको भी उचित सम्मान व अधिकार प्रशासन के द्वारा दिलाना। 5.पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द सरकार के द्वारा लागू करने के लिए आग्रह करना । 6.किसी भी क्षेत्र के प्रत्रकारो को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन, व हरसंभव सुरक्षा प्रदान कर सहायता करना । 7. शासन प्रशासन के जनहितैषी योजनाओं को प्रमुखता से प्रकाशित करना आदि।

गौरतलब हो की वही इस “मीडिया सम्मान परिवार” की सबसे खास बात यह है कि यह पद विहिन होगा। जिसमे कोई भी पदे जैसे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, महामंत्री, सचिव, अयसा कुछ भी नहीं होगा। यह संगठन पूर्णरूपेण सामूहिक जिम्मेदारी व नेतृत्व के साथ कार्य संचालित होगा। जिसमे सभी सदस्य समान अधिकार रख सकेगें। कोई भी निर्णय, योजना, कार्य, सामूहिक रूप से बनाये व लिये जायेगे।

अवगत हो की इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया विशेषज्ञों ने पत्रकारिता में आने वाली चुनौतियों, डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और निष्पक्ष एवं जिम्मेदार रिपोर्टिंग के संबंध में महत्वपूर्ण अपने अपने विचार रखे । वही नये वेबपोर्टल यूट्यूब संचालकों व पत्रकारों को आवश्यक प्रशिक्षण के साथ मार्गदर्शन दिया गया। तत्पश्चात अब तक सक्रिय व उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया गया। जिससे पत्रकारों का मनोबल बढ सके ।

ज्ञात हो कि इस कार्यशाला में प्रदेश स्तर के वेब पोर्टल के सैकड़ों संपादक एवं कई पत्रकार शामिल हुए। सभी ने एकजुट होकर डिजिटल क्रांति के इस दौर में समाज के लिए जिम्मेदार पत्रकारिता करने का संकल्प भी लिया।तो वही वेबपोर्टल यूट्यूब संचालकों, संपादकों को नई आश व नई ऊर्जा का संचार भी हुआ। इस आयोजन ने प्रदेश में पत्रकारिता को एक नई दिशा दी और यह संदेश दिया कि बिना किसी पद या अध्यक्ष के भी, सामूहिक प्रयासों से एक सशक्त संगठन चलाया जा सकता है। उपस्थित सभी पत्रकारों ने इस अनूठी पहल की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की जरूरत पर जोर दिया। तो वही सभी अपने सम्मान बनाये रखने व पाने के लिए प्रशासन के समक्ष शांतिपूर्ण वातावरण में वार्तालाप करने के लिए भी सहमति प्रदान किये।

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🌿 पर्यावरण नहीं बचेगा तो हम भी नहीं बचेंगे 🌏

(विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 पर विशेष संपादकीय)

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि चेतावनी है — हमारी धरती, हमारी प्रकृति अब और ज्यादा बोझ नहीं सह सकती। इस वर्ष की थीम है “प्लास्टिक प्रदूषण पर विजय – एक साथ मिलकर समाधान”, जो हमें उस संकट की याद दिलाती है जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुकी प्लास्टिक से जुड़ा है।

छत्तीसगढ़ जैसे हरित राज्य में जहां वनों की भरमार है, आदिवासी परंपराएं प्रकृति से जुड़ी हैं और नदियां जीवनदायिनी बनकर बहती हैं, वहां भी हम देख रहे हैं कि नदियां सिकुड़ रही हैं, जंगल उजड़ रहे हैं और हवा जहरीली होती जा रही है। विकास की दौड़ में हमने पर्यावरण की कीमत चुकाई है — और अब वह मूल्य बहुत महंगा हो चला है।

पर्यावरण की दुर्दशा के मुख्य कारण:

  • पेड़ों का अंधाधुंध कटाव
  • अवैध खनन और औद्योगिक प्रदूषण
  • प्लास्टिक और पॉलीथीन का अत्यधिक प्रयोग
  • जल स्रोतों का दोहन और शहरीकरण

“खोज खबर छत्तीसगढ़” के माध्यम से हम सभी पाठकों से अपील करते हैं:

  • कम से कम एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें।
  • प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े या जूट के थैले अपनाएं।
  • घरों में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित करें।
  • स्थानीय स्तर पर वृक्षारोपण और सफाई अभियानों में भाग लें।

पर्यावरण बचाना कोई एक दिन का काम नहीं, यह रोज़ की आदत बननी चाहिए।

“अगर आज नहीं जागे, तो कल के पास कोई हरियाली नहीं होगी।”

– संपादकीय टीम, खोज खबर छत्तीसगढ़
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