विभाग दिखा रहा सरकारी योजना को ठेंगा
उच्च स्तरीय आदेश के बाद भी ना स्मार्ट मीटर लगा,ना मीटर हुआ परिसर के बाहर इसका रहस्य है क्या,,,?

खोज खबर छत्तीसगढ़ जिला ब्यूरो हरी देवांगन
जिला उप मुख्यालय चांपा,,,, बिना मुनादी के,बिना किसी प्रचार प्रसार के बीते वर्ष दीपावली के ठीक पहले विद्युत मंडल के द्वारा ताबड़तोड़ ढंग से पुराने मीटर को निकालकर नए स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही की गई थी,इस दौरान अनेक लोगों के द्वारा जमकर विरोध किया गया फिर भी मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर की दिवाली तोहफा दिया गया,नगर में गंभीर बिजली समस्या गहराने के साथ ही इस बात की चर्चा चौक चौराहों पर जम कर हो रही है कि स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य गरीबों का केवल सिंगल फेस वाला मीटर को ही विशेष टारगेट मे लेकर चेंज किया गया जबकि इस दौरान भारी भरकम बिजली खपत करने वाले या फिर ट्रिबल फेस विद्युत कनेक्शन वालों का मीटर को छुआ तक नहीं गया और आज पर्यंत समाचार लिखे जाने के दौरान भी नगर के अधिकांश घरों एवं परिसरों का भारी भरकम विद्युत खर्च करने वाला मीटर को अब तक बदल नहीं गया है और ना परिसर के बाहर हुआ,(genius)स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य योजना केवल और केवल गरीब तथा असहाय लोगों के लिए यह धरातल पर दिखाई दे रहा है, ज्ञात हो कि शासन की योजना अनुसार निर्धारित समय सीमा में स्मार्ट विद्युत मीटर का रीडिंग, बिलिंग,सहित निगरानी को ऑनलाइन किया जाना है, जिसे लेकर चांपा मंडल महिनों नहीं सालों विलंब से चल रहा है,ऐसे हालत में तो प्रश्न उठना स्वाभाविक है,आखिर हेवी लोडबिजली खर्च करने वालों का मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर क्यों नहीं लगाया जा रहा है,यहां पर यह भी प्रश्न उठता है ऐसे सैकड़ों उपभोक्ता है जो प्रत्येक माह हजारों यूनिट का बिजली खर्च करते हैं और ऐसे लोगों का मीटर आज पर्यंत भी घरों के अंदर या परिसरों के अंदर ही लगा हुआ है,यहां पर भी प्रश्न उठता है आखिर माजरा क्या है,जब अधिकांश सिंगल फेस विद्युत कनेक्शन अथवा गरीबों का मीटर घरो एवं परिसरों के बाहर लगाया जा चुका है,तो ऐसे उपभोक्ताओं का विद्युत मीटर आखिरकार घर अथवा परिसर के बाहर क्यों नहीं लगाया गया,जबकि हैवी लोडेड विद्युत मीटर को बदलकर पहले ही स्मार्ट मीटर परिसर बाहर में ईमानदारी के साथ प्रथम कार्रवाई में लगाया जाना था, पर ऐसा नहीं हुआ,पहले सिंगल फेस को प्रयोग के लिए चुना गया,जहां हाई विद्युत उपकरण सुबह से रात तक चल रहे होते हैं ऐसे स्थानों पर भारी भरकम बिजली चोरी की आरोप को निराधार नहीं कहा जा सकता,ऐसे लोगों एवं स्थान में मंडल के कथित अधिकारी एवं कर्मचारी के द्वारा साठ गांठ कर प्रत्येक माह भारी बिजली चोरी करने का अंदाजा लगाया जा रहा है, इसी के चलते बिजली चोरी को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट (genius) मीटर लगाने की कार्यवाही को ठंडा बस्ते में डाला जा चुका है,ऐसे स्थानों में यदि उल्लेख करें तो धर्मशाला,मंगलम परिसर,मल्टीप्लेक्स, होटल रेस्टोरेंट, गिट्टी खदान,लघु एवं कुटीर उद्योग, लाज,सहित रसूखदारों के (powerful man) आदि ऐसे स्थान है जहां बड़े तादाद में बिजली खपत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता,और ऐसे स्थानों का विद्युत मीटर प्राय: परिसरों के अंदर अभी तक लगा हुआ देखा जा रहा है,जो अनगिनत रहस्य एवं प्रश्नों को जन्म देता है,ऐसे में जागरूक लोगों के मन में यह प्रश्न बिजली की भांति बार-बार कौंध रहा है,आखिर माजरा क्या है,ऐसे विद्युत उपभोक्ताओं का मीटर परिसर के बाहर क्यों नहीं लगा,यहां बताते चलें कि पुराने विद्युत मीटर को बदलकर नए एवं स्मार्ट मीटर (new genius smart meter)लगाने का कार्य योजना लगभग पूरे देश के अधिकांश राज्यों में सफलता पूर्वक किया जा रहा है या फिर कई राज्य ऐसे हैं जहां स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है,सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांजगीर चांपा जिला उप मुख्यालय चांपा में यह कार्य को बड़े भेदभाव एवं शातिराना ढंग से किया जा रहा है, सर्वप्रथम गरीबों का सिंगल फेस पुराना मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया और यह भी भेदभाव से परिपूर्ण रहा
,इसके बाद भी जहां बड़ी तादात में बिजली चोरी होने की संभावना है ऐसे स्थानों के पुराने मीटर को विद्युत मंडल के कर्ताधर्ता बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने का हिम्मत अब तक नहीं जुटा पा रहे हैं,आखिर वह क्या कारण हो सकता हैं जिसके चलते जीनियस स्मार्ट मीटर लगाने का सरकारी योजना ऐसे स्थान पर धराशाई नजर आ रहा है,,,!
