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तिल्दा नेवरा नगरपालिका की करीब 2 एकड़ शासकीय  जमीन पर  (अवैध) कब्जे

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तिल्दा नेवरा कोटा रोड  बेस कीमती  शासकीय  जमीन खसरा क्रमांक  1141 पर अवैध कब्जा, भू-माफिया सक्रिय

ख़ोज खबर छत्तीसगढ़ संवाददाता तिल्दा-नेवरा

तिल्दा नेवरा (छत्तीसगढ़), — तिल्दा नेवरा नगरपालिका की करीब 2 एकड़ शासकीय  जमीन पर  (अवैध) कब्जे का गंभीर मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह अतिक्रमण स्थानीय भू-माफियाओं द्वारा किया जा रहा है, जो शहर की राजनीति में भी सक्रिय हैं। इस अवैध कब्जे से न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं, बल्कि नगरवासियों में भी गहरा रोष व्याप्त है।इस जमीन पर नगर पालिका की सुरक्षित भूमि की बोर्ड लगी हुई है जिसमें फ्री पिकासो वॉल से बाउंड्री वॉल करवाई जा रही है समझ में यह नहीं आ रहा है कि नगर पालिका किस मद के तहत इतना महंगा बाउंड्री वॉल करवा रही है   या नगर पालिका की सुरक्षित भूमि के आड़ में किसी और का हाथ तो नहीं

राजनीतिक संरक्षण में कब्जा?


सूत्रों के अनुसार, जमीन पर कब्जा करने वाले लोग तिल्दा नेवरा के प्रभावशाली राजनीतिक चेहरे हैं। नागरिकों का आरोप है कि सत्ता और रसूख के दम पर इन भू-माफियाओं ने नगरपालिका की इस जमीन पर धीरे-धीरे निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों को आशंका है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह सार्वजनिक संपत्ति पूरी तरह निजी हाथों में चली जाएगी।

प्रशासनिक चुप्पी चिंताजनक

शिकायतों के बावजूद अब तक न तो तहसील कार्यालय की ओर से कोई कार्रवाई हुई है और न ही नगरपालिका प्रशासन ने कोई कदम उठाया है। यह चुप्पी संदेह को और गहरा कर रही है कि कहीं यह कब्जा मिलीभगत का नतीजा तो नहीं?

जनता का आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी


क्षेत्रवासियों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।  समाज के जो लोग इस खसरा नंबर पर सामाजिक भवन बनाने के लिए तहसील कार्यालय में ज्ञापन प्रस्तुत किया हैं उन लोगों का कहना है  कि यदि अवैध कब्जा नहीं हटाया गया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे नगर पालिका कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे।

जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल
इस मामले में सबसे अधिक आलोचना जनप्रतिनिधियों की हो रही है, जो मौन साधे बैठे हैं। जनता जानना चाहती है कि जब सार्वजनिक भूमि पर खुलेआम कब्जा हो रहा है, तो जनप्रतिनिधि आखिर किसके पक्ष में खड़े हैं — जनता के या भू-माफियाओं के?

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