*अस्तित्व फाउंडेशन, छत्तीसगढ़ ने ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ब्लॉक प्रिंटिंग कार्यशाला आयोजित की**
खरोरा; मुरा गांव में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, स्वावलंबन और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ब्लॉक प्रिंटिंग कौशल विकास कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को परंपरागत ब्लॉक प्रिंटिंग कला का प्रशिक्षण देना था, जिससे वे हस्तनिर्मित वस्त्र तैयार कर सतत आजीविका अर्जित कर सकें।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. स्मिता अनुज शर्मा उपस्थित रहीं, जिन्होंने ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन के लिए अस्तित्व फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “महिलाओं को कौशल प्रदान करना सतत विकास की कुंजी है। ऐसे प्रयास न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हैं, बल्कि नए आर्थिक अवसर भी सृजित करते हैं।”
इस कार्यशाला में महिलाओं को डिज़ाइन नक्काशी, रंग मिश्रण, और कपड़े पर छपाई की तकनीकों से अवगत कराया गया। अस्तित्व ग्रामीण हस्तशिल्प की मास्टर ट्रेनर, श्रीमती दीपाली नायडू ने सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें साड़ियों, दुपट्टों और होम डेकोर आइटम्स के लिए नवीन डिजाइन तैयार करने का प्रशिक्षण दिया।
अस्तित्व फाउंडेशन, छत्तीसगढ़ की अध्यक्ष श्रीमती अनुपम दीवान ने कहा कि यह कार्यक्रम महिला उद्यमिता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की एक व्यापक पहल का हिस्सा है, जिससे प्रशिक्षित महिलाएं अपने उत्पादों को बाज़ार तक पहुंचा सकें और आर्थिक स्थिरता प्राप्त कर सकें।
कार्यशाला का समापन महिलाओं द्वारा बनाई गई सुंदर कलाकृतियों के प्रदर्शन के साथ हुआ, जो उनके कौशल और रचनात्मकता का प्रमाण है। इस तरह की और भी प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना है, जिससे ग्रामीण महिलाएं अपने हस्तशिल्प को व्यवसाय में बदलकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकें।
कार्यक्रम में श्रीमती सविता चंद्राकर (प्रधान पाठक प्राथमिक शाला, बंगोली) भी उपस्थित रहीं और महिलाओं को आशीर्वाद दिया। कार्यशाला की समन्वयक श्रीमती स्वाति वर्मा थीं।
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