पांच दिवसीय संघर्ष की परिणति “हुंकार सभा” में, राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया ज्ञापन

सुंगेरा गांव से प्रारंभ हुई इस यात्रा में खास बात यह रही कि करीब 500 महिलाएं पदयात्रा में पैदल शामिल हुईं, जिनकी हिम्मत और संघर्ष आज राज्यभर में चर्चा का विषय बन चुका है। मार्ग में कई गांवों के पंच, सरपंच और जनप्रतिनिधियों ने यात्रियों के विश्राम व भोजन की व्यवस्था कर उनका समर्थन जताया।
महादेव घाट में आयोजित समापन सभा में खारुन नदी की दुर्दशा पर सभी वक्ताओं ने चिंता व्यक्त की। वक्ताओं ने कहा कि एक समय यह नदी लाखों लोगों को अन्न, जल और रोजगार देती थी, परंतु आज जलकुंभी, औद्योगिक कचरे और गंदे नालों के चलते इसका पानी न तो इंसानों के उपयोग लायक बचा है, न ही पशुओं के।
प्रमुख वक्ताओं में डॉ. अजय यादव (अध्यक्ष, क्रान्ति सेना), अमित बघेल (अध्यक्ष, जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी), लता राठौर, चंद्रकांत यदु, भूषण साहू, तारण दास साहू, ललित बघेल, सोनू राठौर, ऋचा वर्मा एवं उषा श्रीवास शामिल रहे।
पदयात्रा को राज्य का एकमात्र राजनैतिक समर्थन जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी से प्राप्त हुआ, जिसके अध्यक्ष अमित बघेल पूरे पांच दिन यात्रियों के साथ पैदल चले।
सभा के पश्चात स्थानीय प्रशासन को महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें खारुन नदी की सफाई एवं संरक्षण हेतु तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की गई।
कार्यक्रम का समापन महादेव घाट में खारुन दाई की “महा आरती” के साथ हुआ। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने संकल्प लिया कि जब तक खारुन नदी को पुनर्जीवित नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
संवाददाता: खोज खबर छत्तीसगढ़
📍स्थान: रायपुर | 📅 05.06.2025
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