नगर स्वच्छता अभियान पर अंधुनिकिरण हावी

रायपुर। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में नगर स्वच्छता अभियान पर गंदगी का अंधानुकरण हावी होता जा रहा है। नगर में पहले से ही फैली गंदगी के बीच अब सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में नई तरह की गंदगी देखी जा रही है। लोगों का आरोप है कि आयोजनों में एयर प्रेशर मशीन से चमकीले प्लास्टिक व पॉलिथीन के टुकड़े उड़ाए जा रहे हैं, जिससे पूरा इलाका गंदगी से पट जाता है।
पिछले कुछ वर्षों से इस मशीन का चलन बढ़ गया है। आयोजक टेंट व्यवसायियों को बाकायदा डेकोरेशन के साथ यह “प्लास्टिक उड़ाने” का ठेका देते हैं। देखने वालों को यह भले ही आकर्षक और कार्यक्रम को भव्य बनाने वाला लगता हो, पर वास्तविकता में यह नगर स्वच्छता अभियान के लिए चुनौती बन चुका है।
पहले रंगीन कागज़, अब पॉलिथीन
पहले ऐसे आयोजनों में कागज़ी टुकड़े उड़ाए जाते थे जो पर्यावरण में आसानी से घुल-मिल जाते थे। लेकिन अब उनकी जगह चमकीले पॉलिथीन ने ले ली है। यह न केवल नगर की साफ-सफाई पर बोझ बढ़ा रहा है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा बन रहा है।
प्रशासन की बेरुख़ी
लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस समस्या से कोई सरोकार नहीं। सफाई कर्मचारी इस गंदगी को अधूरा साफ कर चले जाते हैं और आयोजक भी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। जबकि आम नागरिकों को प्रतिदिन इन टुकड़ों से जूझना पड़ता है।
ज्ञात हो कि कुछ वर्ष पहले केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन हकीकत यह है कि यह नियम केवल कागज़ों में सिमटकर रह गया है। अब यही पॉलिथीन स्वच्छता अभियान पर सवाल खड़े कर रहा है।
जनता की मांग – सशर्त अनुमति
नगरवासियों का कहना है कि प्रशासन जब भी किसी आयोजन की अनुमति दे, तो उसमें स्पष्ट शर्त हो कि इस तरह से प्लास्टिक उड़ाकर गंदगी नहीं फैलाई जाएगी। अन्यथा हर छोटे-बड़े धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद नगर की गलियां, चौक-चौराहे और मोहल्ले चमकीले पॉलिथीन के ढेर में तब्दील होते रहेंगे।
लोगों का मानना है कि जब तक ठोस प्रबंधन नहीं किया जाता, तब तक “स्वच्छ भारत मिशन” केवल नारेबाज़ी तक सीमित रहेगा और नगरवासियों को इसी तरह की गंदगी से जूझना पड़ेगा।

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