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*पत्रकारों के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने के लिए प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव सांय , वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी और मीडिया सलाहकार श्री पंकज झा के प्रति भी आभार जताया*

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*पत्रकारों के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने के लिए प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव सांय , वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी और मीडिया सलाहकार श्री पंकज झा के प्रति भी आभार जताया*

*छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से की सौजन्य मुलाकात*

संवाददाता संतोष कुमार यदु

रायपुर, 04 मार्च 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात कर पत्रकार सम्मान निधि को दो गुना करने के साथ ही पत्रकारों के लिए बजट में नए प्रावधान करने के लिए आभार जताया। प्रतिनिधिमंडल ने इस मौके पर मुख्यमंत्री को श्री विष्णुपुराण की प्रति भी भेंट की।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बजट में पत्रकार सम्मान निधि को प्रतिमाह 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 20 हजार रूपए करने, पत्रकारों एक्सपोजर विजिट के लिए 1 करोड़ रूपए और रायपुर के प्रेस क्लब भवन के रिनोवेशन एवं विस्तार के लिए 1 करोड़ रूपए करने का प्रावधान किया गया है।

पत्रकारों के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने के लिए प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी और मीडिया सलाहकार श्री पंकज झा के प्रति भी आभार जताया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष श्री अरविन्द अवस्थी, संयोजक श्री राजेश मिश्रा, उपाध्यक्ष द्वय श्री भरत योगी एवं श्री मोहन तिवारी और जिला अध्यक्ष श्री राम साहू भी उपस्थित थे।

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🌿 पर्यावरण नहीं बचेगा तो हम भी नहीं बचेंगे 🌏

(विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 पर विशेष संपादकीय)

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि चेतावनी है — हमारी धरती, हमारी प्रकृति अब और ज्यादा बोझ नहीं सह सकती। इस वर्ष की थीम है “प्लास्टिक प्रदूषण पर विजय – एक साथ मिलकर समाधान”, जो हमें उस संकट की याद दिलाती है जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुकी प्लास्टिक से जुड़ा है।

छत्तीसगढ़ जैसे हरित राज्य में जहां वनों की भरमार है, आदिवासी परंपराएं प्रकृति से जुड़ी हैं और नदियां जीवनदायिनी बनकर बहती हैं, वहां भी हम देख रहे हैं कि नदियां सिकुड़ रही हैं, जंगल उजड़ रहे हैं और हवा जहरीली होती जा रही है। विकास की दौड़ में हमने पर्यावरण की कीमत चुकाई है — और अब वह मूल्य बहुत महंगा हो चला है।

पर्यावरण की दुर्दशा के मुख्य कारण:

  • पेड़ों का अंधाधुंध कटाव
  • अवैध खनन और औद्योगिक प्रदूषण
  • प्लास्टिक और पॉलीथीन का अत्यधिक प्रयोग
  • जल स्रोतों का दोहन और शहरीकरण

“खोज खबर छत्तीसगढ़” के माध्यम से हम सभी पाठकों से अपील करते हैं:

  • कम से कम एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें।
  • प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े या जूट के थैले अपनाएं।
  • घरों में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित करें।
  • स्थानीय स्तर पर वृक्षारोपण और सफाई अभियानों में भाग लें।

पर्यावरण बचाना कोई एक दिन का काम नहीं, यह रोज़ की आदत बननी चाहिए।

“अगर आज नहीं जागे, तो कल के पास कोई हरियाली नहीं होगी।”

– संपादकीय टीम, खोज खबर छत्तीसगढ़
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