खोज खबर छत्तीसगढ़ संवाददाता संतोष कुमार यदु तिल्दा-नेवरा। विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में नगर पालिका परिषद तिल्दा-नेवरा द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र को हरियाली से आच्छादित कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना रहा।नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती चंद्रकला वर्मा ने खोज खबर छत्तीसगढ़ को …
Read More »Daily Archives: June 5, 2025
विश्व पर्यावरण दिवस पर हेमू कलानी स्कूल परिसर में हुआ वृक्षारोपण, समाजसेवियों और व्यापारियों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा
संवाददाता संतोष कुमार यदु खोज खबर छत्तीसगढ़ तिल्दा। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर तिल्दा के हेमू कलानी स्कूल परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाजसेवी, व्यापारीगण एवं जनप्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।कार्यक्रम में चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश …
Read More »संपादकीय विशेष: पर्यावरण नहीं बचेगा तो हम भी नहीं बचेंगे
(विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 पर विशेष) खोज खबर छत्तीसगढ़ संवाददाता संतोष कुमार यदु रायपुर छत्तीसगढ़: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि चेतावनी है — हमारी धरती, हमारी प्रकृति अब और ज्यादा बोझ नहीं सह सकती। इस …
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🌿 पर्यावरण नहीं बचेगा तो हम भी नहीं बचेंगे 🌏
(विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 पर विशेष संपादकीय)
हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि चेतावनी है — हमारी धरती, हमारी प्रकृति अब और ज्यादा बोझ नहीं सह सकती। इस वर्ष की थीम है “प्लास्टिक प्रदूषण पर विजय – एक साथ मिलकर समाधान”, जो हमें उस संकट की याद दिलाती है जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुकी प्लास्टिक से जुड़ा है।
छत्तीसगढ़ जैसे हरित राज्य में जहां वनों की भरमार है, आदिवासी परंपराएं प्रकृति से जुड़ी हैं और नदियां जीवनदायिनी बनकर बहती हैं, वहां भी हम देख रहे हैं कि नदियां सिकुड़ रही हैं, जंगल उजड़ रहे हैं और हवा जहरीली होती जा रही है। विकास की दौड़ में हमने पर्यावरण की कीमत चुकाई है — और अब वह मूल्य बहुत महंगा हो चला है।
पर्यावरण की दुर्दशा के मुख्य कारण:
- पेड़ों का अंधाधुंध कटाव
- अवैध खनन और औद्योगिक प्रदूषण
- प्लास्टिक और पॉलीथीन का अत्यधिक प्रयोग
- जल स्रोतों का दोहन और शहरीकरण
“खोज खबर छत्तीसगढ़” के माध्यम से हम सभी पाठकों से अपील करते हैं:
- कम से कम एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें।
- प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े या जूट के थैले अपनाएं।
- घरों में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित करें।
- स्थानीय स्तर पर वृक्षारोपण और सफाई अभियानों में भाग लें।
पर्यावरण बचाना कोई एक दिन का काम नहीं, यह रोज़ की आदत बननी चाहिए।
“अगर आज नहीं जागे, तो कल के पास कोई हरियाली नहीं होगी।”
– संपादकीय टीम, खोज खबर छत्तीसगढ़
www.khojkhbarchhattisgarh.com
🌿 पर्यावरण नहीं बचेगा तो हम भी नहीं बचेंगे 🌏
(विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 पर विशेष संपादकीय)
हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि चेतावनी है — हमारी धरती, हमारी प्रकृति अब और ज्यादा बोझ नहीं सह सकती। इस वर्ष की थीम है “प्लास्टिक प्रदूषण पर विजय – एक साथ मिलकर समाधान”, जो हमें उस संकट की याद दिलाती है जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुकी प्लास्टिक से जुड़ा है।
छत्तीसगढ़ जैसे हरित राज्य में जहां वनों की भरमार है, आदिवासी परंपराएं प्रकृति से जुड़ी हैं और नदियां जीवनदायिनी बनकर बहती हैं, वहां भी हम देख रहे हैं कि नदियां सिकुड़ रही हैं, जंगल उजड़ रहे हैं और हवा जहरीली होती जा रही है। विकास की दौड़ में हमने पर्यावरण की कीमत चुकाई है — और अब वह मूल्य बहुत महंगा हो चला है।
पर्यावरण की दुर्दशा के मुख्य कारण:
- पेड़ों का अंधाधुंध कटाव
- अवैध खनन और औद्योगिक प्रदूषण
- प्लास्टिक और पॉलीथीन का अत्यधिक प्रयोग
- जल स्रोतों का दोहन और शहरीकरण
“खोज खबर छत्तीसगढ़” के माध्यम से हम सभी पाठकों से अपील करते हैं:
- कम से कम एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें।
- प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े या जूट के थैले अपनाएं।
- घरों में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित करें।
- स्थानीय स्तर पर वृक्षारोपण और सफाई अभियानों में भाग लें।
पर्यावरण बचाना कोई एक दिन का काम नहीं, यह रोज़ की आदत बननी चाहिए।
“अगर आज नहीं जागे, तो कल के पास कोई हरियाली नहीं होगी।”
– संपादकीय टीम, खोज खबर छत्तीसगढ़
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