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*ओवहर ब्रिज के घटिया निर्माण कार्य ट्रैफिक असुविधा के विरोध में कांग्रेसियों ने आंदोलन करने की मांग*

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*ओवहर ब्रिज के घटिया निर्माण कार्य ट्रैफिक असुविधा के विरोध में कांग्रेसियों ने आंदोलन करने की मांग*

*काँग्रेसियों ने ओवरब्रिज के रुके हुए कार्य का निरीक्षण किया*

रिपोर्टर पवन बघेल

तिल्दा-नेवर : खरोरा से सिमगा जाने वाले इकलौते राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित रेलवे के ओवरब्रिज को मौत का फ्लाईओवर कहा जाने लगा था। भारी जनाक्रोश के बाद, पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके इस ब्रिज की मरम्मत का कार्य तो शुरू हो गया, मगर एक माह से अधिक समय आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध होने के बावजूद कार्य की प्रगति नहीं दिखाई दे रही है। इसी के चलते जिला कांग्रेस कमेटी व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने आकस्मिक निरीक्षण करने के बाद रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात की और घटिया निर्माण व ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त होने के लिए, रेलवे के अधिकारियों व ठेकेदार को जिम्मेदार बताया है।
उल्लेखनीय है, कि इस ओवरब्रिज के लोकार्पण से पहले ही इसका भारी भरकम बीम गिर गया था। फिर लोकार्पण के कुछ समय के बाद ही क्षतिग्रस्त होने वाला यह ब्रिज जर्जर स्थिति में पहुँच चुका है। मरम्मत कार्य के सर्वे और निरीक्षण की टीम में पहुँचे जिला काँग्रेस महामंत्री विजय हरिरामानी ने कहा, कि हमारे निरन्तर विरोध के बाद जर्जर ब्रिज का नवीनीकरण तो शुरू हो गया, मगर इस तरह के घटिया निर्माण के द्वारा आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ की जा रही है। साथ ही गर्मी व अन्य वजह से एक्सपांशन के लिए छोड़ी गई गैप को कांक्रीट से भरकर छोड़ दिया गया है। पानी तराई के अभाव में कांक्रीट की मजबूती भी विश्वसनीय नहीं है। इधर जिला उपाध्यक्ष सुनील सोनी व देवा टण्डन ने एक महीना से अधिक समय से आवागमन अवरुद्ध करके छोटी-संकरी गलियों से भारी वाहनों को घुमाकर भेजने के लिए बाध्य करने पर नाराजगी जताई है।
इधर कांग्रेस की सर्वे टीम ने जब रेलवे अधिकारियों से मुलाकात करने का प्रयास किया, तो एस एस इ वर्क्स अधिकारी चंद्राकर से बात की, तो कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कार्य की क्वालिटी औऱ समय-अवधि या ठेकेदार के बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं हूँ।
अंत में अधिकारी सुमन झा ने एक दिन में पूर्ण जानकारी देने का आश्वासन दिया। टीम ने 2 दिन में उचित कार्यवाही न होने पर धरना प्रदर्शन करने की बात की है। टीम में मनोहर भोजवानी, लक्ष्मी नारायण वर्मा, अजितेश शर्मा, विनोद शर्मा, अनूप रवानी, कैलाश गाँधी, गोवर्धन यदु व अन्य पदाधिकारी शामिल थे।

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🌿 पर्यावरण नहीं बचेगा तो हम भी नहीं बचेंगे 🌏

(विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 पर विशेष संपादकीय)

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि चेतावनी है — हमारी धरती, हमारी प्रकृति अब और ज्यादा बोझ नहीं सह सकती। इस वर्ष की थीम है “प्लास्टिक प्रदूषण पर विजय – एक साथ मिलकर समाधान”, जो हमें उस संकट की याद दिलाती है जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुकी प्लास्टिक से जुड़ा है।

छत्तीसगढ़ जैसे हरित राज्य में जहां वनों की भरमार है, आदिवासी परंपराएं प्रकृति से जुड़ी हैं और नदियां जीवनदायिनी बनकर बहती हैं, वहां भी हम देख रहे हैं कि नदियां सिकुड़ रही हैं, जंगल उजड़ रहे हैं और हवा जहरीली होती जा रही है। विकास की दौड़ में हमने पर्यावरण की कीमत चुकाई है — और अब वह मूल्य बहुत महंगा हो चला है।

पर्यावरण की दुर्दशा के मुख्य कारण:

  • पेड़ों का अंधाधुंध कटाव
  • अवैध खनन और औद्योगिक प्रदूषण
  • प्लास्टिक और पॉलीथीन का अत्यधिक प्रयोग
  • जल स्रोतों का दोहन और शहरीकरण

“खोज खबर छत्तीसगढ़” के माध्यम से हम सभी पाठकों से अपील करते हैं:

  • कम से कम एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें।
  • प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े या जूट के थैले अपनाएं।
  • घरों में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित करें।
  • स्थानीय स्तर पर वृक्षारोपण और सफाई अभियानों में भाग लें।

पर्यावरण बचाना कोई एक दिन का काम नहीं, यह रोज़ की आदत बननी चाहिए।

“अगर आज नहीं जागे, तो कल के पास कोई हरियाली नहीं होगी।”

– संपादकीय टीम, खोज खबर छत्तीसगढ़
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